आशावादी बनो Be optimistic
आसा वादी व्याक्ति कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी नहीं घबराता है उसकी आशावादी विचार के कारण आज उसकी इस्थिती खराब है तो कोई बात नहीं कल उसकी इस्थीती में जरूर सुधार आएगा ,यही उम्मीद उसके आत्म बल को बनाए रखती है
जान बरोज एक कवि ने अपनी कविता में सच ही कहा है “मै अपने समय भाग्य के खिलाफ कभी कोई सिकायात नहीं करता और देखो ,जो कुछ मै चाहता हूं मुझे अपने आप मिल जाता है।
मै सो गया और जब आंख खुली तो पता चला कि मै जिन मित्रो को ढूंढता फिर रहा हूं वो लोग स्वयम मुझे ढूंढ़ रहे थे। यदि मै अकेला खड़ा हूं तो क्या हुआ,आने वाले समय की प्रतीक्षा कर रहा हूं मेरा दिल वहीं फसल कटेगा को बीज मैने बोया है क्यों कि वो मेरे द्वारा किए गए कर्मो को अवश्य पहचान लेगा ।
आशावादी बनो Be optimistic |
समय का अंतर अस्थान की दूरी पर्वत की उचाई समुन्दर की गहराई भी मेरी इच्छा को मुझ से दूर नहीं कर सकतीं।
निराशा एक ऐसा घातक रोग Despair is such a deadly disease
निराशा एक ऐसा घातक रोग है जिससे हमारा दिमाग जहरीला हो कर हमारी समस्त योग्यताओं को नस्ट कर देता है तथा हमारे अंदर से कार्य करने का उत्साह भी खत्म कर देता है और किसी काम में मन नहीं लगता है।
सच ही कहा गया है कि दिल डूबा तो नौका डूबी उत्साह भंग होने से ही आशाएं धुंधली होने लगती है तथा निराशा का बीज अंकुरित होने लगता है,आकांछाए समाप्त होने लगती है और इसके साथ ही हमारे शरीर की सक्तिया छिड़ होने लगती है ।
अपने आपको आशावादी बनाए Make yourself optimistic
अतः अपने आपको आशावादी बनाए रखिए अपने मन को सदा उत्साहित करते रहिए इससे आपका शरीर हमेशा सक्रिय रहेगा आपका मन हमेशा काम में लगा रहेगा और आप हमेशा उन्नति करते रहेंगे,कभी कभी ऐसा भी होता है कि व्याक्ति मेहनत तो पूरी करता है परन्तु उसके मेहनत के अनुरूप उसको परिणाम नहीं मिल रहा है इसलिए उसके मन में एक संदेह पैदा होने लगता और यही संदेह उसके जीवन में निराशा को जन्म देने लगती है।
निराशा से व्याक्ति का आत्म विश्वास टूट जाता है उसे लगता है वह कभी सफल नहीं होगा उसे कोई रास्ता नहीं सूझता है और यही सोच उसके चारो ओर एक गहन अंधेरा का निर्माण करती है जिसके कारण उसे कुछ नहीं दिखाई देता है।
इन्हीं निराशा के छड़ो में दुर्बल मन मस्तिष्क का व्याक्ति पलायन वादी हो जाता है और आत्महत्या तक करने की ठान लेता है अनेक प्रतिभा शाली मनुष्य ऐसी ही परिस्थितियों में इस संसार को असमय ही छोड़ जाते है जो आज जीवित होते तो संसार को बहुत कुछ दे सकते थे।
आशावादी व्याक्ति की कठिन परिस्थिति Optimistic Person of situation
आशावादी बनो Be optimistic |
दूसरी ओर आशावादी व्याक्ति कठिन से कठिन परिस्थिति में भी कभी नहीं घबराता है यह सनातन सत्य है कि रात के बाद दिन अवश्य आता है इसी प्रकार दुख के बाद सुख और असफलता के बाद सफलता अवश्य प्राप्त होता है ।
एक बड़े प्रिंटिंग प्रेस के मालिक ने लगभग ४०साल पहले बहुत ही छोटे स्तर से प्रेश का काम शुरू किया ,दिन रात की कड़ी मेहनत के बदौलत कुछ ही वर्षों के बाद उसकी जीवन कि गाड़ी सुचारू रूप से चलने लगी थी। शुरू में केवल दो पेज के टाईप से काम शुरू होने वाले प्रेस में अब १६ पेज के टाईप के साथ एक छोटी मशीन भी हो गई थी।
एक दिन उसके प्रेस को पुलिस ने छपी एक किताब के मेंटर को सरकार विरोधी मानते हुवे शिल कर दिया तथा उसको भी गिरफ्तार कर लिया गया।पहले तो वह बहुत घबराया लेकिन फिर हिम्मत से काम लिया और आशा का दीप अपने मन में जलाते हुवे विचार किया कि मैंने कोई गलत कार्य नहीं किया है अतः मै अवश्य छूट जाऊंगा ।
उसने सर्व प्रथम अपनी जमानत कराई और फिर पूरे हिम्मत से केश लड़ने की तैयारी की ।एक माह कि भाग दौड़ के बाद उसके प्रेस का सिल टूटा इस दौरान उसके पास जो भी जमा पूंजी थी सब खत्म हो गई।ऊपर से उसे इतना कर्ज लेना पड़ा कि शायद उसकी कुल प्रेस की कीमत से ज्यादा थी । लेकिन उसके मन की आशा ने उसकी अंतः चेतना को बनाए रखा और वह जी जान से अपने काम में जुट गया।
प्रेस की सिल टूटते ही मानो उसके कटे हाथ फिर से जुट गए उसने धीरे धीरे अपना कर्ज भी चुकाया तथा अपने ऊपर चल रहे मुकदमे को भी जीता अपनी आशा और हिम्मत के बल पर ना केवल इस आफत से छुटकारा पाया बल्कि उसके अंदर एक नया जोश और हिम्मत का संचार भी हुआ जैसे आग में पक्क कर सोने की चमक बढ़ जाती है ,उसी प्रकार संकटों से निकल कर वह भी कुंदन बन गया, और आज उसकी वहीं आशा और हिम्मत का परिणाम है कि आज वह बहुत बड़े प्रेस का मालिक है ।
थैंक्स
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Hai
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