बिक्रम की बेवफ़ाई Bikram’s Infidelity

बिक्रम की बेवफ़ाई Bikram’s Infidelity

बिक्रम की बेवफ़ाई Bikram's Infidelity
बिक्रम की बेवफ़ाई Bikram’s Infidelity

    बिक्रम की बेवफ़ाई इसरो की प्रेम कहानी इतिहास के पन्नों में हमेशा हमेशा के लिए दर्ज हो गई इसरो कहती है कि “ना तुम बेवफा हो ना हम बेवफा है वक्त ने हम से लिया इंतहा है”

    इसरो कहती है “बिक्रम मै तुझे चांदनी के पास इस लिए भेज रही हूं कि तुम चांदनी के इतना खूब सूरत होने का राज किया है पता लगाओ क्यू की मुझे याद है जब मै अपने पहले  प्रेमी को चांदनी के पास जब भेजा था तब चांदनी ने अपने मोह जाल में उसे ऐसा फसाया की वो मुझ से बेवफ़ाई करके हमेशा के लिए चांदनी का हो। गया चांदनी में ऐसी क्या खूबी है कि जो भी उसके पास जाता है उसी का होकर रह जाता है।

   इसलिए बिक्रम मै तुझे अकेले नहीं भेजूंगी तुम्हारे साथ आर्बिटर भी जाएगा और हा याद रखना तुम मुझसे कभी बेवफ़ाई मत करना क्यों कि मैंने सबकुछ तुम्हारे ऊपर न्योछावर कर चुकी हूं इसलिए कृपा करके मेरी इज्जत को डूबने मत देना “

   “ठीक है जान मै आपके प्यार को कभी नहीं भूलूंगा मै जानता हूं इसरो की जो प्यार और सम्मान आपने मुझे दिया है मै उसका मर कर भी कर्ज नहीं चुका पाऊंगा मै जनता हूं कि आपने रात दिन एक करके एक एक पुर्जा जोड़ कर मुझे खड़ा किया है यहां तक कि आपने अपने परिवार के मेहनत और पसीने की कमाई 978 करोड़ की भारी भरकम राशि जो लगा कर मुझे खड़ा किया है ये एहसान भला मै कैसे भुला पाऊंगा।

      और हा रह गई चांदनी की खूबसूरती की बात तो मै अपने दोस्त आर्बिटर के साथ जाऊंगा और यू पता लगा के आ जाऊंगा ,आप चिंता ना करे मै आप के प्यार को दुनिया के सामने सर्मिंदा नहीं होने दूंगा  “

       इसरो ने बड़े भाऊक हो कर बोली “ठीक है बिक्रम मुझे तुम पर पूरा भरोसा है  परन्तु चांदनी के पास जाने में तुम्हे ४५ दिन का समय लग जाएगा इतने  दिन मै तुम्हारे बैग्गैर कैसे रह पाऊंगी मेरी तो आंखो के  नींद ही उड़ जाएगी “

       “नहीं इसरो इसमें घबडाने की कोई बात नहीं है आर्बिटर है ना मेरी पल पल का सूचना देने के लिए आपको “

          “वो तो है पर तुम्हारा दोस्त आर्बिटर तुम्हारे साथ चांदनी के पास नहीं जाएगा वो तो १०० किलो मीटर पहले ही तुम्हारा साथ छोड़ देगा उसके बाद तुम्हे अकेले ही चांदनी के घर जाना होगा और तुम्हे इस १००किमी का सफर बहुत ही सावधानी से काटना होगा वहां कुछ भी हो सकता है “

          “ठीक है जानू मुझे कुछ नहीं होगा आप को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्या आपको अपने प्यार पर भरोसा नहीं है “

         ” ठीक है भरोसा नहीं होता तो भला मै आपको वहां क्यों भेजती “

       “अच्छा तो आप भेजने की तयारी कीजिए लगता  है मुझे 19 जुलाई को ही निकलना पड़ेगा
         फिर क्या था इसरो अपने जिगर के टुकड़े को उसके दोस्त आर्बिटर के साथ 19 जुलाई को चांदनी के पास रवाना कर दिया  उस दिन के बाद इसरो हमेशा बिक्रम के संपर्क में रहा दोनों तरफ से  जानकारियां एक दूसरे को साझा करते हुवे इसरो रात रात भर सोती नहीं थी ।

        फिर दिन बीतता गया और वो छड़ भी आया जिसे इसरो को बड़ी। बे सब्री से इंतजार था वो रात थी 06/09/2019 की साम जब आर्बिटर अपने दोस्त बिक्रम को बोला।

        “दोस्त बिक्रम मैंने तो यहां तक तुम्हारा साथ दिया अब यहां से १००किमी का सफर तुम्हे अकेले ही तय करना होगा और हा जब चांदनी के करीब जाना तो अपनी चाल धीमा रखना अन्यथा चांदनी बहुत ही पत्थर दिल इंसान है जो भी उसके पास जाता है उसे वो अपने तरफ आकर्षित कर लेती और हमारे तुम्हारे बीच के संपर्क को भी खत्म कर देती है।

            इसलिए दोस्त मेरी दोस्ती का तथा इसरो के प्यार का वास्ता देता हूं कि चांदनी के मोह जाल में फस कर हमलोगो के जज्बातों का कदर करना मेरे भाई वरना मै अपने दोस्त इसरो को क्या जवाब दूंगा।

        “चिंता मत करना दोस्त भरोसा रखना मेरे प्यार की ताकत सायद चांदनी को पता नहीं मै जरुर वापस आऊंगा और हा तुम जाना नहीं यही पर हमारा इंतजार करना “और ये बात कह कर बिक्रम अपने दोस्त आर्बिटर से अलग हो गया और आर्बिटर वहीं पर चक्कर लगाने लगा इस इंतजार में कि मेरा दोस्त अकुशल लौट कर आएगा।

          अब आर्बिटर बिक्रम की सारी गति विधियों पर अपनी पैनी नजर बनाए हुवे था बिक्रम भी सारी जानकारी आर्बिटर को दे रहा था सबकुछ ठीक ठाक चल रहा था ईधर इसरो के घर में जस्न का माहौल था पूरे परिवार में दुआओ का दौर चल रहा था मांगलिक कार्य क्रम के दौर में घर के मुखिया भी जस्मदीद गवाह के तौर पर उपस्थित थे की इसरो की कामयाबी को हम गले से लगा कर इस जस्न का आनन्द उठाएंगे।

        परन्तु इस ख़ुशी को किसी की नजर लग गई थोड़ी ही देर बाद यानी ०१:४० मिनट पर आर्बिटर के सवालों का जवाब बिक्रम नहीं दिया क्यों की बिक्रम और चांदनी के बीच मात्र २.१किमी का फासला रह गया था  इस दौरान आर्बिटर भी इसरो के सवालों का जवाब नहीं दे सका  फिर क्या था इसरो के घर सन्नाटा छा गया सबका चेहरा उदास एवम् गमगीन हो गया।

      इसरो की दर्द कि गाथा घर के मुखिया खुद बयान। करते हुवे कहते है

       “इसरो इसमें उदास होने कि बात नहीं है ये तो  ऐतिहासिक उड़ान है जिसमें आर्बिटर और बिक्रम के सफ़र का संदार खाका खींचा गया है ये आपकी मेहनत का नतीजा है कि आप फिर से अपना दूत चांदनी को बस में करने के लिए तियार कीजिए हम आपके साथ है ठोकरों से ही एक नई उड़ान लिखी जाती है हमारी अकांछाओ को ना आंको ए दुनिया वालो
हमारी अमर सोच की यही पहचान लिखी जाती है एक बिक्रम बेवफा हुआ तो क्या हुआ आने वाले वक्त में हम अनेकों बिक्रम पैदा करेंगे “

       आज आप ने जो कारनामा कर दिखाया है अत्यंत सराहनीय है हमारा बिक्रम को चांदनी बस में कर सकती है परन्तु देखो आर्बिटर अब भी चांदनी की निगरानी कर रहा है
Thanks इसरो के साथ हम भी खड़े है।

  

     

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