परिणाम कृत्रिम पदार्थो का Result of synthetic materials

     

परिणाम कृत्रिम पदार्थो का Result of synthetic materials

परिणाम कृत्रिम पदार्थो का Result of synthetic materials

           आज की चकाचौंध दुनिया में इंसान का रहन सहन कृत्रिम वस्तुओं में उलझता जा रहा है हमारे देश के नामी गिरामी लोग अपनी रहन सहन पर फिजूल खर्चा करके अपने आप को सबसे अलग सबसे श्रेष्ठ लोगो की श्रेणी में रखते है उनको ये पता नहीं कि प्रकृति डंडा जब चलता है तो सारी अमीरी गरीबी धरे के धरे रह जाती है

          सोनाली बेंद्रे को ही लेलिजिय  उनके पास किस चीज की कमी है, कि उनको भी कैंसर हो गया ,अगली हस्ती इरफान खान उनको भी कैंसर, क्रिकेट की जानी मानी हस्तियों में गिने जाने वाले युवराज सिंह को कैंसर होगया, मुमताज को ब्रेस्ट कैंसर,तो शाहरुख खान को 8 सर्जरी कराना पड़ा,
वहीं आयुष्मान खुराना की पत्नी को कैंसर,राकेश रोशन को गले का कैंसर, राजेश खन्ना को कैंसर,
विनोद खन्ना को कैंसर, नरगिस को कैंसर,फिरोज खान को कैंसर,गोवा के सीएम मनोहर परिकर को को कैंसर,शरदपवार को कैंसर,ये वो लोग हैं या थे।

            जिनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है/थी!
खाना हमेशा डाइटीशियन की सलाह से खाते है।
दूध भी ऐसी गाय या भैंस का पीते हैं
जो AC में रहती है और बिसलेरी का पानी पीती है।
जिम भी जाते है।
रेगुलर शरीर के सारे टेस्ट भी करवाते है।
सबके पास अपने हाई क्वालिफाइड डॉक्टर है।
अब सवाल उठता है कि आखिर
अपने शरीर की इतनी देखभाल के बावजूद भी इन्हें इतनी गंभीर बीमारी अचानक कैसे हो गई।

                 क्योंकि ये प्राक्रतिक चीजों का इस्तेमाल
बहुत कम करते है या मान लो बिल्कुल भी नहीं करते
जैसा हमें प्रकृति ने दिया है , उसे उसी रूप में ग्रहण करो वो कभी नुकसान नहीं करती कितना भी फ्रूटी पी लो ,वो शरीर को आम के गुण नहीं दे सकती अगर हम इस धरती को प्रदूषित ना करते तो धरती से निकला पानी बोतल बन्द पानी से लाख गुण अच्छा था।

       कृत्रिम पदार्थो का परिणाम  कैंसर Cancer result of artificial substances

              आप एक बच्चे को जन्म से ऐसे स्थान पर रखिए जहां एक भी कीटाणु ना हो।
बड़ा होने के बाद उसे सामान्य जगह पर रहने के लिए छोड़ दो, वो बच्चा एक सामान्य सा बुखार भी नहीं झेल पाएगा!

            क्योंकि उसके शरीर का तंत्रिका तंत्र कीटाणुओ से लड़ने के लिए विकसित ही नही हो पाया कंपनियों ने लोगो को इतना डरा रखा है,की
मानो एक दिन साबुन से नहीं नहाओगे तो तुम्हे कीटाणु घेर लेंगे और शाम तक पक्का मर जाओगे।

             समझ नहीं आता हम कहां जी रहे है। एक दूसरे से हाथ मिलाने के बाद लोग सेनिटाइजर लगाते हुए देखे जाते है सोच रहा है- पैसों के दम पर हम जिंदगी खरीद लेंगे वो ये भूल जाता है कि जिस पैसे से हम अपना संसाधन खरीद रहे कहीं ना कहीं अपनी जिंदगी में गंभीर बीमारियों न्योता दे रहे है हमारे शरीर की रोग रोधक छमता को कमजोर कर रहे है।

               आपने कभी गौर किया है पिज़्ज़ा बर्गर वाले शहर के लोगों की एक बुखार में धरती घूमने लगती है और वहीं दूध दही छाछ के शौकीन गांव के बुजुर्ग लोगों का वही बुखार बिना दवाई के ठीक हो जाता है।

                क्योंकि उनका डॉक्टर प्राकृतिक धूप छाव प्राकृतिक हवा है  वे पहले से ही सादा खाना खाते आए है खुले में सोना नंगे पाव चलना उनके आदत में सुमार है इसलिए प्राकृत की इज्जत कीजिए deshila प्रोडक्ट का इस्तेमाल कीजिए तथा अपने शरीर का अथवा अपने देश के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दीजिए प्राकृतिक चीजों को अपनाओ विज्ञान के द्वारा लैब में तैयार
हर एक वस्तु शरीर के लिए नुकसानदायक होता है।

              पैसे से कभी भी स्वास्थ्य और खुशियां नहीं खरीदी जा सकती है मै यानी लेखक जब अपनी सासू मा को जो कैंसर पेशेंट थी उनको जब मै देश के सबसे बड़ा कैंसर अस्पताल tata memoriyal मुंबई में लेकर गया था तो वाहा देखा ,अस्पताल के आंकड़े के अनुसार हर साल देश में 40000 से ज्यादा नए कैंसर पेशेंट का इजाफा हो रहा है इसका मुख्य कारण, दुसित खान पान आधुनिक रहन सहन सामने आया ।

                और ज्यादा पसेंट का इजाफा यूपी,बिहार,एमपी, बंगाल,का केश आ रहा है क्योंकि वाहा पर पैसों की तो कमी है परन्तु उचे स्टेटस के दिखावे में हम सस्ती आधुनिक चीजों का इस्तेमाल ज्यादा करते है जैसे प्लास्टिक की थैली में गरम चाय,थर्मोकोल के प्लेट में गरम पदार्थ का सेवन,रीफैन ऑयल में पकवान,पूजा पाठ में घर के अंदर अगरबत्ती का इस्तेमाल,इत्यादि।

            कैंसर का मुख्य इलाज Main treatment for cancer
     
                डाक्टरों एवम् बिसेषज्ञो के अनुसार कैंसर पेशेंट की मौत कैंसर से कम उसका ट्रीटमेंट से भी ज्यादा होती है क्योंकि। केमोथिरिपी,रेडियोथेरेपी,सर्जरी,ये तीन उसका मुख्य मेडिसिन है जिसका सैंड इफेक्ट को कोई कोई मरीज सहन नहीं कर पाता है और उसकी मौत हो जाती है ।

              इसलिए हमे अपने आपको इन आधुनिक चीजों का बहिष्कार करना होगा और पूर्ण रूप से इन केमिकल युक्त पदार्थ,का इस्तेमाल रोकना होगा तभी हम एक स्वस्थ एवम् हेल्दी शरीर का निर्माण कर पाएंगे।
Thanks स्वस्थ रहिए खुश हाल रहिय और हेल्थ से रिलेटेड पोस्ट के लिए हमारे बेवसाइट को फॉलो कीजिए।

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